28بَل بَدا لَهُم ما كانوا يُخفونَ مِن قَبلُ ۖ وَلَو رُدّوا لَعادوا لِما نُهوا عَنهُ وَإِنَّهُم لَكاذِبونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबल्कि जो (बेईमानी) पहले से छिपाते थे आज (उसकी हक़ीक़त) उन पर खुल गयी और (हम जानते हैं कि) अगर ये लोग (दुनिया में) लौटा भी दिए जाएं तो भी जिस चीज़ की मनाही की गयी है उसे करें और ज़रुर करें और इसमें शक़ नहीं कि ये लोग ज़रुर झूठे हैं