27وَلَو تَرىٰ إِذ وُقِفوا عَلَى النّارِ فَقالوا يا لَيتَنا نُرَدُّ وَلا نُكَذِّبَ بِآياتِ رَبِّنا وَنَكونَ مِنَ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि तुम उस समय देख सकते, जब वे आग के निकट खड़े किए जाएँगे और कहेंगे, "काश! क्या ही अच्छा होता कि हम फिर लौटा दिए जाएँ (कि माने) और अपने रब की आयतों को न झुठलाएँ और माननेवालों में हो जाएँ।"