28بَل بَدا لَهُم ما كانوا يُخفونَ مِن قَبلُ ۖ وَلَو رُدّوا لَعادوا لِما نُهوا عَنهُ وَإِنَّهُم لَكاذِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकुछ नहीं, बल्कि जो कुछ वे पहले छिपाया करते थे, वह उनके सामने आ गया। और यदि वे लौटा भी दिए जाएँ, तो फिर वही कुछ करने लगेंगे जिससे उन्हें रोका गया था। निश्चय ही वे झूठे है