104قَد جاءَكُم بَصائِرُ مِن رَبِّكُم ۖ فَمَن أَبصَرَ فَلِنَفسِهِ ۖ وَمَن عَمِيَ فَعَلَيها ۚ وَما أَنا عَلَيكُم بِحَفيظٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम्हारे पास तो सुझाने वाली चीज़े आ ही चुकीं फिर जो देखे (समझे) तो अपने दम के लिए और जो अन्धा बने तो (उसका ज़रर (नुकसान) भी) ख़ुद उस पर है और (ऐ रसूल उन से कह दो) कि मै तुम लोगों का कुछ निगेहबान तो हूँ नहीं