103لا تُدرِكُهُ الأَبصارُ وَهُوَ يُدرِكُ الأَبصارَ ۖ وَهُوَ اللَّطيفُ الخَبيرُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउसको ऑंखें देख नहीं सकती (न दुनिया में न आख़िरत में) और वह (लोगों की) नज़रों को खूब देखता है और वह बड़ा बारीक बीन (देख़ने वाला) ख़बरदार है