105وَكَذٰلِكَ نُصَرِّفُ الآياتِ وَلِيَقولوا دَرَستَ وَلِنُبَيِّنَهُ لِقَومٍ يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हम (अपनी) आयतें यूं उलट फेरकर बयान करते है (ताकि हुज्जत तमाम हो) और ताकि वह लोग ज़बानी भी इक़रार कर लें कि तुमने (क़ुरान उनके सामने) पढ़ दिया और ताकि जो लोग जानते है उनके लिए (क़ुरान का) खूब वाजेए करके बयान कर दें