3وَالَّذينَ يُظاهِرونَ مِن نِسائِهِم ثُمَّ يَعودونَ لِما قالوا فَتَحريرُ رَقَبَةٍ مِن قَبلِ أَن يَتَماسّا ۚ ذٰلِكُم توعَظونَ بِهِ ۚ وَاللَّهُ بِما تَعمَلونَ خَبيرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो लोग अपनी स्त्रियों से ज़िहार करते हैं; फिर जो बात उन्होंने कही थी उससे रुजू करते है, तो इससे पहले कि दोनों एक-दूसरे को हाथ लगाएँ एक गर्दन आज़ाद करनी होगी। यह वह बात है जिसकी तुम्हें नसीहत की जाती है, और तुम जो कुछ करते हो अल्लाह उसकी ख़बर रखता है