30أَم يَقولونَ شاعِرٌ نَتَرَبَّصُ بِهِ رَيبَ المَنونِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदया वे कहते है, "वह कवि है जिसके लिए हम काल-चक्र की प्रतीक्षा कर रहे है?"