29فَذَكِّر فَما أَنتَ بِنِعمَتِ رَبِّكَ بِكاهِنٍ وَلا مَجنونٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः तुम याद दिलाते रहो। अपने रब की अनुकम्पा से न तुम काहिन (ढोंगी भविष्यवक्ता) हो और न दीवाना