9وَإِذا عَلِمَ مِن آياتِنا شَيئًا اتَّخَذَها هُزُوًا ۚ أُولٰئِكَ لَهُم عَذابٌ مُهينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब हमारी आयतों में से कोई बात वह जान लेता है तो वह उनका परिहास करता है, ऐसे लोगों के लिए रुसवा कर देनेवाली यातना है