You are here: Home » Chapter 45 » Verse 8 » Translation
Sura 45
Aya 8
8
يَسمَعُ آياتِ اللَّهِ تُتلىٰ عَلَيهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُستَكبِرًا كَأَن لَم يَسمَعها ۖ فَبَشِّرهُ بِعَذابٍ أَليمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो अल्लाह की उन आयतों को सुनता है जो उसे पढ़कर सुनाई जाती है। फिर घमंड के साथ अपनी (इनकार की) नीति पर अड़ा रहता है मानो उसने उनको सुना ही नहीं। अतः उसको दुखद यातना की शुभ सूचना दे दो