8يَسمَعُ آياتِ اللَّهِ تُتلىٰ عَلَيهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُستَكبِرًا كَأَن لَم يَسمَعها ۖ فَبَشِّرهُ بِعَذابٍ أَليمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो अल्लाह की उन आयतों को सुनता है जो उसे पढ़कर सुनाई जाती है। फिर घमंड के साथ अपनी (इनकार की) नीति पर अड़ा रहता है मानो उसने उनको सुना ही नहीं। अतः उसको दुखद यातना की शुभ सूचना दे दो