29هٰذا كِتابُنا يَنطِقُ عَلَيكُم بِالحَقِّ ۚ إِنّا كُنّا نَستَنسِخُ ما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये हमारी किताब (जिसमें आमाल लिखे हैं) तुम्हारे मुक़ाबले में ठीक ठीक बोल रही है जो कुछ भी तुम करते थे हम लिखवाते जाते थे