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Sura 45
Aya 28
28
وَتَرىٰ كُلَّ أُمَّةٍ جاثِيَةً ۚ كُلُّ أُمَّةٍ تُدعىٰ إِلىٰ كِتابِهَا اليَومَ تُجزَونَ ما كُنتُم تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) तुम हर उम्मत को देखोगे कि (फैसले की मुन्तज़िर अदब से) घूटनों के बल बैठी होगी और हर उम्मत अपने नामाए आमाल की तरफ बुलाइ जाएगी जो कुछ तुम लोग करते थे आज तुमको उसका बदला दिया जाएगा