53فَلَولا أُلقِيَ عَلَيهِ أَسوِرَةٌ مِن ذَهَبٍ أَو جاءَ مَعَهُ المَلائِكَةُ مُقتَرِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकहीं बहुत बेहतर हूँ (अगर ये बेहतर है तो इसके लिए सोने के कंगन) (ख़ुदा के हॉ से) क्यों नहीं उतारे गये या उसके साथ फ़रिश्ते जमा होकर आते