54فَاستَخَفَّ قَومَهُ فَأَطاعوهُ ۚ إِنَّهُم كانوا قَومًا فاسِقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीग़रज़ फिरऔन ने (बातें बनाकर) अपनी क़ौम की अक़ल मार दी और वह लोग उसके ताबेदार बन गये बेशक वह लोग बदकार थे ही