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Sura 43
Aya 54
54
فَاستَخَفَّ قَومَهُ فَأَطاعوهُ ۚ إِنَّهُم كانوا قَومًا فاسِقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ग़रज़ फिरऔन ने (बातें बनाकर) अपनी क़ौम की अक़ल मार दी और वह लोग उसके ताबेदार बन गये बेशक वह लोग बदकार थे ही