49لا يَسأَمُ الإِنسانُ مِن دُعاءِ الخَيرِ وَإِن مَسَّهُ الشَّرُّ فَيَئوسٌ قَنوطٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइन्सान भलाई की दुआए मांगने से तो कभी उकताता नहीं और अगर उसको कोई तकलीफ पहुँच जाए तो (फौरन) न उम्मीद और बेआस हो जाता है