48وَضَلَّ عَنهُم ما كانوا يَدعونَ مِن قَبلُ ۖ وَظَنّوا ما لَهُم مِن مَحيصٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर इससे पहले जिन माबूदों की परसतिश करते थे वह ग़ायब हो गये और ये लोग समझ जाएगें कि उनके लिए अब मुख़लिसी नहीं