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Sura 41
Aya 47
47
۞ إِلَيهِ يُرَدُّ عِلمُ السّاعَةِ ۚ وَما تَخرُجُ مِن ثَمَراتٍ مِن أَكمامِها وَما تَحمِلُ مِن أُنثىٰ وَلا تَضَعُ إِلّا بِعِلمِهِ ۚ وَيَومَ يُناديهِم أَينَ شُرَكائي قالوا آذَنّاكَ ما مِنّا مِن شَهيدٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

क़यामत के इल्म का हवाला उसी की तरफ है (यानि वही जानता है) और बगैर उसके इल्म व (इरादे) के न तो फल अपने पौरों से निकलते हैं और न किसी औरत को हमल रखता है और न वह बच्चा जनती है और जिस दिन (ख़ुदा) उन (मुशरेकीन) को पुकारेगा और पूछेगा कि मेरे शरीक कहाँ हैं- वह कहेंगे हम तो तुझ से अर्ज़ कर चूके हैं कि हम में से कोई (उनसे) वाकिफ़ ही नहीं