59بَلىٰ قَد جاءَتكَ آياتي فَكَذَّبتَ بِها وَاستَكبَرتَ وَكُنتَ مِنَ الكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"क्यों नहीं, मेरी आयतें तेरे पास आ चुकी थीं, किन्तु तूने उनको झूठलाया और घमंड किया और इनकार करनेवालों में सम्मिलित रहा