58أَو تَقولَ حينَ تَرَى العَذابَ لَو أَنَّ لي كَرَّةً فَأَكونَ مِنَ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदया, जब वह यातना देखे तो कहने लगे, "काश! मुझे एक बार फिर लौटकर जाना हो, तो मैं उत्तमकारों में सम्मिलित हो जाऊँ।"