1ص ۚ وَالقُرآنِ ذِي الذِّكرِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसाद। क़सम है, याददिहानी-वाले क़ुरआन की (जिसमें कोई कमी नहीं कि धर्मविरोधी सत्य को न समझ सकें)