28قُرآنًا عَرَبِيًّا غَيرَ ذي عِوَجٍ لَعَلَّهُم يَتَّقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदएक अरबी क़ुरआन के रूप में, जिसमें कोई टेढ़ नहीं, ताकि वे धर्मपरायणता अपनाएँ