77أَوَلَم يَرَ الإِنسانُ أَنّا خَلَقناهُ مِن نُطفَةٍ فَإِذا هُوَ خَصيمٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या आदमी ने इस पर भी ग़ौर नहीं किया कि हम ही ने इसको एक ज़लील नुत्फे से पैदा किया फिर वह यकायक (हमारा ही) खुल्लम खुल्ला मुक़ाबिल (बना) है