76فَلا يَحزُنكَ قَولُهُم ۘ إِنّا نَعلَمُ ما يُسِرّونَ وَما يُعلِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो (ऐ रसूल) तुम इनकी बातों से आज़ुरदा ख़ातिर (पेरशान) न हो जो कुछ ये लोग छिपा कर करते हैं और जो कुछ खुल्लम खुल्ला करते हैं-हम सबको यक़ीनी जानते हैं