77أَوَلَم يَرَ الإِنسانُ أَنّا خَلَقناهُ مِن نُطفَةٍ فَإِذا هُوَ خَصيمٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या (इनकार करनेवाले) मनुष्य को नहीं देखा कि हमने उसे वीर्य से पैदा किया? फिर क्या देखते है कि वह प्रत्क्षय विरोधी झगड़ालू बन गया