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Sura 36
Aya 76
76
فَلا يَحزُنكَ قَولُهُم ۘ إِنّا نَعلَمُ ما يُسِرّونَ وَما يُعلِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अतः उनकी बात तुम्हें शोकाकुल न करे। हम जानते है जो कुछ वे छिपाते और जो कुछ व्यक्त करते है