78وَضَرَبَ لَنا مَثَلًا وَنَسِيَ خَلقَهُ ۖ قالَ مَن يُحيِي العِظامَ وَهِيَ رَميمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उसने हमपर फबती कसी और अपनी पैदाइश को भूल गया। कहता है, "कौन हड्डियों में जान डालेगा, जबकि वे जीर्ण-शीर्ण हो चुकी होंगी?"