68وَمَن نُعَمِّرهُ نُنَكِّسهُ فِي الخَلقِ ۖ أَفَلا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिसको हम दीर्धायु देते है, उसको उसकी संरचना में उल्टा फेर देते है। तो क्या वे बुद्धि से काम नहीं लेते?