69وَما عَلَّمناهُ الشِّعرَ وَما يَنبَغي لَهُ ۚ إِن هُوَ إِلّا ذِكرٌ وَقُرآنٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने उस (नबी) को कविता नहीं सिखाई और न वह उसके लिए शोभनीय है। वह तो केवल अनुस्मृति और स्पष्ट क़ुरआन है;