66وَلَو نَشاءُ لَطَمَسنا عَلىٰ أَعيُنِهِم فَاستَبَقُوا الصِّراطَ فَأَنّىٰ يُبصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर हम चाहें तो उनकी ऑंखों पर झाडू फेर दें तो ये लोग राह को पड़े चक्कर लगाते ढूँढते फिरें मगर कहाँ देख पाँएगे