65اليَومَ نَختِمُ عَلىٰ أَفواهِهِم وَتُكَلِّمُنا أَيديهِم وَتَشهَدُ أَرجُلُهُم بِما كانوا يَكسِبونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीआज हम उनके मुँह पर मुहर लगा देगें और (जो) कारसतानियाँ ये लोग दुनिया में कर रहे थे खुद उनके हाथ हमको बता देगें और उनके पाँव गवाही देगें