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Sura 31
Aya 27
27
وَلَو أَنَّما فِي الأَرضِ مِن شَجَرَةٍ أَقلامٌ وَالبَحرُ يَمُدُّهُ مِن بَعدِهِ سَبعَةُ أَبحُرٍ ما نَفِدَت كَلِماتُ اللَّهِ ۗ إِنَّ اللَّهَ عَزيزٌ حَكيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

धरती में जितने वृक्ष है, यदि वे क़लम हो जाएँ और समुद्र उसकी स्याही हो जाए, उसके बाद सात और समुद्र हों, तब भी अल्लाह के बोल समाप्त न हो सकेंगे। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है