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Sura 30
Aya 53
53
وَما أَنتَ بِهادِ العُميِ عَن ضَلالَتِهِم ۖ إِن تُسمِعُ إِلّا مَن يُؤمِنُ بِآياتِنا فَهُم مُسلِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और न तुम अंधों को उनकी गुमराही से फेरकर मार्ग पर ला सकते हो। तुम तो केवल उन्हीं को सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर ईमान लाएँ। तो वही आज्ञाकारी हैं