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Sura 30
Aya 51
51
وَلَئِن أَرسَلنا ريحًا فَرَأَوهُ مُصفَرًّا لَظَلّوا مِن بَعدِهِ يَكفُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर हम (खेती की नुकसान देह) हवा भेजें फिर लोग खेती को (उसी हवा की वजह से) ज़र्द (परस मुर्दा) देखें तो वह लोग इसके बाद (फौरन) नाशुक्री करने लगें