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Sura 30
Aya 44
44
مَن كَفَرَ فَعَلَيهِ كُفرُهُ ۖ وَمَن عَمِلَ صالِحًا فَلِأَنفُسِهِم يَمهَدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो काफ़िर बन बैठा उस पर उस के कुफ्र का वबाल है और जिन्होने अच्छे काम किए वह अपने ही आसाइश का सामान कर रहें है