You are here: Home » Chapter 30 » Verse 34 » Translation
Sura 30
Aya 34
34
لِيَكفُروا بِما آتَيناهُم ۚ فَتَمَتَّعوا فَسَوفَ تَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

ताकि इस प्रकार वे उसके प्रति अकृतज्ञता दिखलाएँ जो कुछ हमने उन्हें दिया है। "अच्छा तो मज़े उड़ा लो, शीघ्र ही तुम जान लोगे।"