26قُلِ اللَّهُمَّ مالِكَ المُلكِ تُؤتِي المُلكَ مَن تَشاءُ وَتَنزِعُ المُلكَ مِمَّن تَشاءُ وَتُعِزُّ مَن تَشاءُ وَتُذِلُّ مَن تَشاءُ ۖ بِيَدِكَ الخَيرُ ۖ إِنَّكَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "ऐ अल्लाह, राज्य के स्वामी! तू जिसे चाहे राज्य दे और जिससे चाहे राज्य छीन ले, और जिसे चाहे इज़्ज़त (प्रभुत्व) प्रदान करे और जिसको चाहे अपमानित कर दे। तेरे ही हाथ में भलाई है। निस्संदेह तुझे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है