25فَكَيفَ إِذا جَمَعناهُم لِيَومٍ لا رَيبَ فيهِ وَوُفِّيَت كُلُّ نَفسٍ ما كَسَبَت وَهُم لا يُظلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर क्या हाल होगा, जब हम उन्हें उस दिन इकट्ठा करेंगे, जिसके आने में कोई संदेह नहीं और प्रत्येक व्यक्ति को, जो कुछ उसने कमाया होगा, पूरा-पूरा मिल जाएगा; और उनके साथ अन्याय न होगा