104وَلتَكُن مِنكُم أُمَّةٌ يَدعونَ إِلَى الخَيرِ وَيَأمُرونَ بِالمَعروفِ وَيَنهَونَ عَنِ المُنكَرِ ۚ وَأُولٰئِكَ هُمُ المُفلِحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर तुमसे एक गिरोह ऐसे (लोगों का भी) तो होना चाहिये जो (लोगों को) नेकी की तरफ़ बुलाए अच्छे काम का हुक्म दे और बुरे कामों से रोके और ऐसे ही लोग (आख़ेरत में) अपनी दिली मुरादें पायेंगे