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Sura 28
Aya 31
31
وَأَن أَلقِ عَصاكَ ۖ فَلَمّا رَآها تَهتَزُّ كَأَنَّها جانٌّ وَلّىٰ مُدبِرًا وَلَم يُعَقِّب ۚ يا موسىٰ أَقبِل وَلا تَخَف ۖ إِنَّكَ مِنَ الآمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और यह कि "डाल दे अपनी लाठी।" फिर जब उसने देखा कि वह बल खा रही है जैसे कोई साँप हो तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर भी न देखा। "ऐ मूसा! आगे आ और भय न कर। निस्संदेह तेरे लिए कोई भय की बात नहीं