32اسلُك يَدَكَ في جَيبِكَ تَخرُج بَيضاءَ مِن غَيرِ سوءٍ وَاضمُم إِلَيكَ جَناحَكَ مِنَ الرَّهبِ ۖ فَذانِكَ بُرهانانِ مِن رَبِّكَ إِلىٰ فِرعَونَ وَمَلَئِهِ ۚ إِنَّهُم كانوا قَومًا فاسِقينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअपना हाथ अपने गिरेबान में डाल। बिना किसी ख़राबी के चमकता हुआ निकलेगा। और भय के समय अपनी भुजा को अपने से मिलाए रख। ये दो निशानियाँ है तेरे रब की ओर से फ़िरऔन और उसके दरबारियों के पास लेकर जाने के लिए। निश्चय ही वे बड़े अवज्ञाकारी लोग है।"