35وَإِنّي مُرسِلَةٌ إِلَيهِم بِهَدِيَّةٍ فَناظِرَةٌ بِمَ يَرجِعُ المُرسَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमैं उनके पास एक उपहार भेजती हूँ; फिर देखती हूँ कि दूत क्या उत्तर लेकर लौटते है।"