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Sura 27
Aya 32
32
قالَت يا أَيُّهَا المَلَأُ أَفتوني في أَمري ما كُنتُ قاطِعَةً أَمرًا حَتّىٰ تَشهَدونِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "ऐ सरदारों! मेरे मामलें में मुझे परामर्श दो। मैं किसी मामले का फ़ैसला नहीं करती, जब तक कि तुम मेरे पास मौजूद न हो।"