31أَلّا تَعلوا عَلَيَّ وَأتوني مُسلِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयह कि मेरे मुक़ाबले में सरकशी न करो और आज्ञाकारी बनकर मेरे पास आओ।"