28اذهَب بِكِتابي هٰذا فَأَلقِه إِلَيهِم ثُمَّ تَوَلَّ عَنهُم فَانظُر ماذا يَرجِعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमेरा यह पत्र लेकर जा, और इसे उन लोगों की ओर डाल दे। फिर उनके पास से अलग हटकर देख कि वे क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते है।"