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Sura 20
Aya 131
131
وَلا تَمُدَّنَّ عَينَيكَ إِلىٰ ما مَتَّعنا بِهِ أَزواجًا مِنهُم زَهرَةَ الحَياةِ الدُّنيا لِنَفتِنَهُم فيهِ ۚ وَرِزقُ رَبِّكَ خَيرٌ وَأَبقىٰ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उसकी ओर आँख उठाकर न देखो, जो कुछ हमने उनमें से विभिन्न लोगों को उपभोग के लिए दे रखा है, ताकि हम उसके द्वारा उन्हें आज़माएँ। वह तो बस सांसारिक जीवन की शोभा है। तुम्हारे रब की रोज़ी उत्तम भी है और स्थायी भी