132وَأمُر أَهلَكَ بِالصَّلاةِ وَاصطَبِر عَلَيها ۖ لا نَسأَلُكَ رِزقًا ۖ نَحنُ نَرزُقُكَ ۗ وَالعاقِبَةُ لِلتَّقوىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर अपने लोगों को नमाज़ का आदेश करो और स्वयं भी उसपर जमे रहो। हम तुमसे कोई रोज़ी नहीं माँगते। रोज़ी हम ही तुम्हें देते है, और अच्छा परिणाम तो धर्मपरायणता ही के लिए निश्चित है