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Sura 20
Aya 128
128
أَفَلَم يَهدِ لَهُم كَم أَهلَكنا قَبلَهُم مِنَ القُرونِ يَمشونَ في مَساكِنِهِم ۗ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِأُولِي النُّهىٰ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर क्या उनको इससे भी मार्ग न मिला कि हम उनसे पहले कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर चुके है, जिनकी बस्तियों में वे चलते-फिरते है? निस्संदेह बुद्धिमानों के लिए इसमें बहुत-सी निशानियाँ है