84وَإِذ أَخَذنا ميثاقَكُم لا تَسفِكونَ دِماءَكُم وَلا تُخرِجونَ أَنفُسَكُم مِن دِيارِكُم ثُمَّ أَقرَرتُم وَأَنتُم تَشهَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर याद करो जब तुमसे वचन लिया, "अपने ख़ून न बहाओगे और न अपने लोगों को अपनी बस्तियों से निकालोगे।" फिर तुमने इक़रार किया और तुम स्वयं इसके गवाह हो