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Sura 2
Aya 58
58
وَإِذ قُلنَا ادخُلوا هٰذِهِ القَريَةَ فَكُلوا مِنها حَيثُ شِئتُم رَغَدًا وَادخُلُوا البابَ سُجَّدًا وَقولوا حِطَّةٌ نَغفِر لَكُم خَطاياكُم ۚ وَسَنَزيدُ المُحسِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (वह वक्त भी याद करो) जब हमने तुमसे कहा कि इस गाँव (अरीहा) में जाओ और इसमें जहाँ चाहो फराग़त से खाओ (पियो) और दरवाज़े पर सजदा करते हुए और ज़बान से हित्ता बख्शिश कहते हुए आओ तो हम तुम्हारी ख़ता ये बख्श देगे और हम नेकी करने वालों की नेकी (सवाब) बढ़ा देगें